Katyayini Puja For Marriage of a Girl & Boy

One of the most important things in everyone’s life is getting married. We always picture a safe and happy married life. We’ve seen times when things just don’t work out for us, no matter how hard we try. There have been times when we saw a friend who doesn’t look good or make a lot of money get married to a beautiful woman and live a very beautiful life.

Why do we need God if everything goes well? And it’s true that love and marriage are made in heaven. And it’s true that when no one else can ease your pain, only God can take it away and give you a life full of happiness.

Book Puja For Marriage of a Girl & Boy

ध्यान:

गीर्वाणसंधार्चितपाद पंकजारूण् ाप्रभा बाल शशांक शेखरा।

रक्ताम्बरा लेपन पुष्पयुंग मुदे सृणिं सपाशं दधतीं शिवास्तु नः।।

विनियोगः

अस्य श्री मंगला गौरि मन्त्रस्य अजऋषिः

गायत्री छन्दः श्री मंगलागौरि देवता ह्रीं बीजं स्वाहा

शक्तिः ममाभीष्टं सिद्धये जपे विनियोगः।

ऋष्यादि न्यास ¬ अजाय ऋषये नमः, शिरसि।

गायत्री छन्दसे नमः, मुखे।

मंगला गौरि देवतायै नमः, हृदि।

ह्रीं बीजाय नमः, गुह्ये।

स्वाहा शक्तये नमः, पादयोः।

करन्यास ¬ अंगुष्ठाभ्यां नमः।

ह्रीं तर्जनीभ्यां नमः।

मंगले गौरि मध्यमाभ्यां नमः।

विवाहबाधां अनामिकाभ्यां नमः।

नाशय कनिष्ठिकाभ्यां नमः।

स्वाहा करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः।

अंगन्यास ¬ हृदयाय नमः।

ह्रीं शिरसे स्वाहा।

मंगले गौरि शिखायै वषट्।

विवाह बाधां कवचाय हुम्।

नाशय नेत्रत्रयाय वौषट्।

स्वाहा अस्त्राय फट्।

Mangla Gauri Stotram (मंगला गौरी स्तोत्र)

ॐ रक्ष-रक्ष जगन्माते देवि मङ्गल चण्डिके । हारिके विपदार्राशे हर्षमंगल कारिके ॥

हर्षमंगल दक्षे च हर्षमंगल दायिके । शुभेमंगल दक्षे च शुभेमंगल चंडिके ॥

मंगले मंगलार्हे च सर्वमंगल मंगले । सता मंगल दे देवि सर्वेषां मंगलालये ॥

पूज्ये मंगलवारे च मंगलाभिष्ट देवते । पूज्ये मंगल भूपस्य मनुवंशस्य संततम् ॥

मंगला धिस्ठात देवि मंगलाञ्च मंगले। संसार मंगलाधारे पारे च सर्वकर्मणाम् ॥

देव्याश्च मंगलंस्तोत्रं यः श्रृणोति समाहितः। प्रति मंगलवारे च पूज्ये मंगल सुख-प्रदे ॥

तन्मंगलं भवेतस्य न भवेन्तद्-मंगलम् । वर्धते पुत्र-पौत्रश्च मंगलञ्च दिने-दिने ॥

मामरक्ष रक्ष-रक्ष ॐ मंगल मंगले ।

॥ इति मंगलागौरी स्तोत्रं सम्पूर्णं ॥

श्री मंगला गौरी मंत्र¬ ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा।

Katyayini Puja For Marriage of a Girl & Boy for those who don’t have horoscope/birth chart

In the course of everyone’s life, getting married is seen as one of the most significant events. Constantly, we see a secure and joyful existence as a married couple. We have experienced situations in which, despite our best efforts, things do not turn out the way we would want them to. Also there are several remedies, in astrology, which we can perform based on our horoscope. But what to do if we don’t have our horoscope, or our birth details are wrong, or missing. In that situation, Katyayani Mantra is useful for resolving the issue of delayed marriage.

It is also claimed that Katyayani Mantra has the ability to eliminate the Kuja or Mangal Dosha from the birth horoscope. Manglik Dosha not only delays marriage but also causes several issues in a happily married life. Married couples may also benefit from daily chanting of the Katyayani Mantra to guarantee happiness and tranquility in their marriage and to have a child soon.

When should one perform Katyayani Puja:-

  • When a girl or boy is not getting married easily or timely.
  • When the girl or boy is having Manglik Dosha.
  • When the horoscopes of boy and girl are not matching.

Story of Devi Katyayini:

Goddess Durga has six different forms. The sixth is Devi Katyayani. She was born to a Rishi named Katyi and was named Katyayani. Girls who are not married worship her to find a good husband and get rid of the mangalik dosha. Her power is said to be over Mars. So honoring her makes Mars happy too. Katyayani Vrata is done in any lucky month, not just the month of Margasira. The Gopis did this Vrata in the Dwapara Yuga to get married to Krishna. This Vrata was also done by Mata Rukmini to get Lord Krishna to marry her.

Here is the mantra of Katyayani to get good spouse:

श्री महाभागवत पुराण के अन्तर्गत श्रीराम जी द्वारा कात्यायनी माता की स्तुति की गयी है | जो मनुष्य प्रतिदिन इस कात्यायनी स्तुति का पाठ करता है, उसके जीवन में आने वाली सभी विघ्न बाधाएँ दूर होती हैं, एवम् सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं | कात्यायनी स्तोत्र का पाठ करने से से कन्याओं को मनोभिलसित वर की प्राप्ति होती है |

स्तुति :- 

श्रीराम उवाच

नमस्ते त्रिजगद्वन्द्ये संग्रामे जयदायिनि
प्रसीद विजयं देहि कात्यायनि नमोऽस्तु ते ॥१॥

श्रीरामचन्द्र जी बोले- त्रिलोकवन्दनीया ! युद्ध में विजय देने वाली ! कात्यायनी ! आपको बार-बार नमस्कार है | आप मुझ पर प्रसन्न हों, और मुझे विजय प्रदान करें |

        सर्वशक्तिमये दुष्टरिपुनिग्रहकारिणि
दुष्टजृम्भिणि संग्रामे जयं देहि नमोऽस्तु ते

सर्वशक्तिमयी, दुष्ट शत्रुओं का निग्रह करने वाली, दुष्टों का संहार करने वाली भगवती ! संग्राम में मुझे विजय प्रदान करें , आपको नमस्कार है |

        त्वमेका परमा शक्तिः सर्वभूतेष्ववस्थिता
दुष्टं संहर संग्रामे जयं देहि नमोऽस्तु ते

आप ही सभी प्राणियों में निवास करने वाली पराशक्ति हैं, संग्राम में दुष्ट राक्षस का संहार करें, और मुझे विजय प्रदान करें | आपको नमस्कार है |

   रणप्रिये रक्तभक्षे मांसभक्षणकारिणि
प्रपन्नार्तिहरे युद्धे जयं देहि नमोऽस्तु ते  

युद्धप्रिये ! शरणागत की पीड़ा हरने वाली ! तथा {रक्षासों} का रक्त एवम् मॉस भक्षण करने वाली [जगदम्बे !] युद्ध में मुझे विजय प्रदान करें, आपको नमस्कार है |

        खट्वाङ्गासिकरे मुण्डमालाद्योतितविग्रहे
ये त्वां स्मरन्ति दुर्गेषु तेषां दुःखहरा भव॥५॥

हाथ में खट्वांग तथा खड्ग धारण करने वाली एवम् मुण्डमाला से सुशोभित विग्रह वाली भगवती ! विषम परिस्थितियों में जो आपका स्मरण करते हैं, उनका दुःख हरण कीजिये |     

        त्वत्पादपङ्कजादैन्यं नमस्ते शरणप्रिये  
विनाशय रणे शत्रून् जयं देहि नमोऽस्तु ते॥

शरणागतप्रिये ! आप अपने चरणकमल के अनुग्रह से दीनता(दुःख) का नाश कीजिये | युद्धक्षेत्र में शत्रुओं का विनाश कीजिये और मुझे विजय प्रदान कीजिये , आपको नमस्कार है, पुनः नमस्कार है |

        अचिन्त्यविक्रमेऽचिन्त्यरूपसौन्दर्यशालिनि |
अचिन्त्यचरितेऽचिन्त्ये जयं देहि नमोऽस्तु ते

आपका पराक्रम, रूप, सौन्दर्य, तथा चरित्र अपरिमित होने के कारण सम्पूर्ण रूप से चिन्तन का विषय बन नहीं सकता | आप स्वयं भी अचिन्त्य हैं | मुझे विजय प्रदान कीजिये, आपको नमस्कार है |

        ये त्वां स्मरन्ति दुर्गेषु देवीं दुर्गविनाशिनीम्। 
नावसीदन्ति दुर्गेषु जयं देहि नमोऽस्तु ते

जो लोग विपत्तियों में दुर्गति का नाश करने वाली आप भगवती का स्मरण करते हैं, वे विषम परिस्थितियों में दु:खी नहीं होते | आप मुझे विजय प्रदान कीजिये , आपको नमस्कार है |

        महिषासृक् प्रिये संख्ये महिषासुरमर्दिनि
शरण्ये गिरिकन्ये मे जयं देहि नमोऽस्तु ते  

युद्ध में महिषासुर का मर्दन करने वाली तथा उस महिषासुर के रक्तपान में अभिरुचि रखने वाली, शरण ग्रहण करने योग्य हिमालयसुता ! आप मुझे विजय प्रदान कीजिये , आपको नमस्कार है |

        प्रसन्नवदने चण्डि चण्डासुरविमर्दिनि  
संग्रामे विजयं देहि शत्रूञ्जहि नमोऽस्तु ते १०॥

चण्डासुर का नाश करने वाली प्रसन्नमुखी चण्डिके ! युद्ध में शत्रुओं का संहार कीजिये और मुझे वर प्रदान कीजिये, आपको नमस्कार है |

        रक्ताक्षि रक्तदशने रक्तचर्चितगात्रके  
रक्तबीजनिहन्त्री त्वं जयं देहि नमोऽस्तु ते ११

रक्तवर्ण के नेत्र वाली, रक्तरंजित दन्तपंक्ति वाली तथा रक्त से लिप्त शरीर वाली भगवती ! आप रक्तबीज का संहार करने वाली हैं, आप मुझे विजय प्रदान करें , आपको नमस्कार है |    

        निशुम्भशुम्भसंहन्त्रि विश्वकर्त्रि सुरेश्वरि
जहि शत्रून् रणे नित्यं जयं देहि नमोऽस्तु ते १२॥ 

निशुम्भ तथा शुम्भ का संहार करने वाली,  जगत् की सृष्टि करने वाली सुरेश्वरी ! आप नित्य युद्ध में शत्रुओं का संहार कीजिये और मुझे विजय प्रदान कीजिये, आपको नमस्कार है |

        भवान्येतज्जगत्सर्वं त्वं पालयसि सर्वदा।
रक्ष विश्वमिदं मातर्हत्वैतान् दुष्टराक्षसान् १३  

भवानी ! आप सदा इस सम्पूर्ण जगत् का पालन करती हैं | मात: ! आप इन दुष्ट राक्षसों को मारकर इस विश्व की रक्षा कीजिये |

        त्वं हि सर्वगता शक्तिर्दुष्टमर्दनकारिणि  
प्रसीद जगतां मातर्जयं देहि नमोऽस्तु ते १४॥

दुष्टों का संहार करने वाली भगवती ! आप सब में विद्यमान रहने वाली शक्तिस्वरूपा हैं, जगन्माता ! प्रसन्न होइये, मुझे विजय प्रदान कीजिये, आपको नमस्कार है |

        दुर्वृत्तवृन्ददमनि सद्वृत्तपरिपालिनि
निपातय रणे शत्रूञ्जयं देहि नमोऽस्तु ते १५    

दुराचारियों का दमन करने वाली तथा सदाचारियों का पालन करने वाली भगवती ! युद्ध में शत्रुओं का संहार कीजिये और मुझे विजय प्रदान कीजिये, आपको नमस्कार है |

        कात्यायनि जगन्मातः प्रपन्नार्तिहरे शिवे  
संग्रामे विजयं देहि भयेभ्यः पाहि सर्वदा १६

शरणागतों का दुःख दूर करने वाली, कल्याण प्रदान करने वाली जगन्माता कात्यायनी ! युद्ध में मुझे विजय प्रदान कीजिये और भय से सदा रक्षा कीजिये |

“इस प्रकार श्री महाभागवत् पुराण के अन्तर्गत् श्रीराम द्वारा की गयी कात्यायनी स्तुति सम्पूर्ण हुई” |

Other Mantras for Getting Married

You can Jap any of the mantras for getting married fast.

Durga Saptaptashati Mantra Jaap for Boy’s Marriage

पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्। तारिणींदुर्गसंसार सागरस्य कुलोद्भवाम्॥

Maa Gauri Mantra for Getting Married

हे गौरि ! शंकरार्धांगि ! यथा त्वं शंकरप्रिया ।
तथा मां कुरु कल्याणि कान्तकान्तां सुदुर्लभाम्।

Lord Shankar Mantra for Getting Married

शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय पुरुषार्थ चतुष्टय लाभाय पतिं मे देहि कुरुकुरु स्वाहा ।।

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